Integrated Multi-Modal Logistics Hub, Nangal Chaudhary, Haryana


उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड ने औद्योगिक स्मार्ट सिटी बनाने के लिए कंपनी गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इन सिटीज़ का निर्माण 50-50 प्रतिशत के फॉर्मूले पर होगा। अब दो से तीन वर्ष के अंदर औद्योगिक...

- उत्तर प्रदेश, बिहार समेत अन्य राज्यों ने सात सिटी बसाने के लिए कंपनी गठन की प्रक्रिया को किया पूरा - कंपनी गठन की प्रक्रिया के बाद अब इनमें मूलभूत सुविधाओं के विकास का काम दो वर्ष के अंदर होगा पूरा

औद्योगिक स्मार्ट सिटी को बसाने के लिए राज्यों की तरफ से खासी दिलचस्पी दिखाई जा रही है। खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड जैसे राज्यों ने सिटी बसाने के लिए केंद्र सरकार के साथ कंपनी गठन की प्रक्रिया को पूरा कर लिया है। अब दो से तीन वर्ष के अंदर औद्योगिक पार्क धरातल पर दिखाई देंगे, जिसके साथ इनसे औद्योगिक उत्पादन शुरू हो पाएगा। अभी तक सात औद्योगिक स्मार्ट सिटी बनाने के लिए कंपनी गठन की प्रक्रिया पूरी हुई है। शेष पांच सिटी के लिए कंपनी बनने का काम अगले 15 दिनों में पूरा होना है।

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी) की निगरानी में देश भर में 12 औद्योगिक स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की थी। इन सिटी का निर्माण राज्यों और केंद्र सरकार द्वारा 50-50 प्रतिशत के फॉर्मूले पर किया जाना है। उत्तर भारत में उत्तर प्रदेश के अंदर आगरा और प्रयागराज, बिहार में गया, उत्तराखंड में खुरपिया, पंजाब राजपुरा और हरियाणा में हिसार के अंदर यह शहर बनाया जाना है। जमीन अधिग्रहण और पर्यावरण संबंधी स्वीकृत पहले ही हो चुकी थी। अब बस राज्यों और केंद्र सरकार को मिलकर कंपनी का गठन करना था। उत्तर भारत के लगभग सभी राज्य कंपनी गठन की प्रक्रिया को पूरा कर चुकी है। बीते दिनों उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने आगरा और प्रयागराज की सिटी निर्माण को लेकर कंपनी गठन की प्रक्रिया को पूरा किया। बिहार और उत्तराखंड उससे पहले गठन कर चुके हैं। एनआईसीडीसी के सीईओ और प्रबंध निदेशक रजत कुमार सैनी कहते हैं कि कंपनी तैयार होने के बाद सारी बाधाएं पूरी कर ली गई है। अब इन औद्योगिक स्मार्ट सिटी में आधारभूत सुविधाएं विकसित करने के लिए जल्द ही निविदा प्रक्रिया शुरू होगी। यहां पर 24 घंटे बिजली, पानी,सीवेज से लेकर अन्य सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराएंगे जो किसी भी औद्योगिक इकाई के संचालन के लिए जरूरी हैं।

विदेशी निवेशों को आकर्षित करने में मिलेगी मदद

विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कॉरिडोर अप्रोच की बात करती है, जिससे इन औद्योगिक क्षेत्रों से सड़क, हवाई, समुंद्री मार्ग के जरिए सीधे मालढुलाई और तैयार माल की आपूर्ति संभव हो सके। इसी के तहत भारत सरकार ने देशभर में अभी तक 11 कॉरिडोर की औद्योगिक स्मार्ट सिटी बनाने के नजरिए से पहचान की। अभी तक कुल 20 प्रोजेक्ट स्वीकृत हुए हैं, जिसमें से 12 इसी वर्ष अगस्त में स्वीकृत किए गए। 13 राज्यों में बन रहे यह प्रोजेक्ट सात कॉरिडोर के किनारे तैयार किए जा रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि सरकार द्वारा चिन्हित इन 11 कॉरिडोर के किनारे पर पहले से 3700 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र इन्हीं के किनारे बसे हुए हैं, जिनकी देश के कुल विनिर्माण में 90 फीसदी की हिस्सेदारी है। ऐसे में नए औद्योगिक शहर के बनने से विदेशी निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।

रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे

For View source click Here

(From: Live Hindustan)